देवि, पावक को कभी कलंक स्पर्श नहीं करता
पीछेदेवि, पावक को कभी कलंक स्पर्श नहीं करता, दीपशिखा को अन्धकार की कालिमा नहीं लगती, चन्द्र-मण्डल को आकाश की नीलिमा कलंकित नहीं करती और जाह्नवी की वारि-धारा को धरती का कलुश स्पर्श भी नहीं करता। ................. देवि, स्यारों के स्पर्श से सिंह-किशोरी कलुषित नहीं होती। असुरों के गृह में जाने से लक्ष्मी धर्षिता नहीं होती। चींटियों के स्पर्श से कामधेनु अपमानित नहीं होती। चरित्रहीनों के बीच वास करने से सरस्वती कलंकित नहीं होती।