यह ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन‘ की पीढ़ी है

पीछे

जयदीप को लगता है कि इस देश में कोई भी बड़े से बड़ा चोर, डाकू, लुटेरा, खूनी नहीं है जो आदर्शों की बात न करता हो; जो गांधी, सरदार पटेल, नेहरू या सुभाष बाबू का नाम न लेता हो। शायद उसकी पीढ़ी तक तो यही चलनेवाला है क्योंकि यह ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन‘ की पीढ़ी है। आगे की पीढ़ी को शायद यह सब सोचने या कहने की जरूरत नहीं होगी।

पुस्तक | जानकीदास तेजपाल मैनशन लेखक | अलका सरावगी भाषा | खड़ी बोली विधा | उपन्यास
विषय | आदर्श,